Sunday 24 August, 2008

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छोटी छोटी, मगर मोटी बातें किसी के चेहरे पे हँसी बन खिलखिलाती हैं तो किसी की हँसी को आंसू बन खा जाती हैं किसी के टुकडों को बाँध कर सजाती हैं तो कभी किसी बंधन के टुकड़े कर जाती हैं कभी किसी डूबते को तिनके का सहारा देती हैं तो कभी किसी सहारे को तिनके सा बिखरा देती हैं ये छोटी छोटी बातें

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